Basics of Solar Energy

जिस रफ़्तार से दुनिया की आबादी और ज़रूरतें बढ़ती जा रही है, उसी रफ़्तार से बिजली की मांग भी बढ़ रही है| पारंपरिक तरीके से बिजली बनाने के तरीके, जैसे कि ऊष्मीय शक्ति संयंत्र (Thermal Power Station) और जेनरेटर कोयले, डीजल या पेट्रोल पर चलते हैं| इन ईधनों के जलने के कारण प्रदूषण भी बहुत अधिक मात्रा में फैलता है|

आज हम एक ऐसे पड़ाव पर पहुंच चुके हैं जहाँ प्रदूषण सारे दहलीज और स्तर पार कर चुका है| करोड़ों सालों से चलती आ रही दुनिया अब प्रदूषण के चलते अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है| ऐसी स्थिति में सौर ऊर्जा (Solar Energy) ऐसे साधन के रूप में आया है जो इस बात को सुनिश्चित करता है कि बिजली की आपूर्ति के साथ साथ लोगो के जीवन में भी सुधार आ सके|

चलिए अब विस्तार से जानते है कि सोलर एनर्जी यानि कि सौर ऊर्जा है क्या? इसे किस प्रकार बनाया जाता है? एवं किस प्रकार से रेसिडैंशनल एवं कमर्सिअल में इसका उपयोग किया जा सकता है?

सौर ऊर्जा (Solar Energy):

सूर्य के प्रकाश का उपयोग कर बिजली (विधुत) बनाने की प्रक्रिया को सौर ऊर्जा (Solar Energy) कहते हैं| इस प्रक्रिया से बिजली बनाने के लिए सोलर सिस्टम की आवश्यकता होती है, जिसमे मुख्यतः चार से पांच कंपोनेंट्स आते हैं:

  • पैनल
  • सोलर इन्वर्टर
  • चार्ज कंट्रोलर
  • सोलर बैटरी
  • वायर, कम्बाइनर बॉक्स, इत्यादि

अब यह समझते हैं कि सौर ऊर्जा का विभाजन किस प्रकार होता है|

Value Chain में सोलर इंडस्ट्री मुख्यतः तीन भागो में बटी हुई है

  1. Manufacturers
  2. Developers
  3. Consumers

उपभोगता या consumer अमूमन तीन तरह में विभाजित होते हैं

  1. इंडस्ट्रियल
  2. कमर्शियल
  3. रेजिडेंशल

तकनीक के मामले में पूरी इंडस्ट्री को तीन तरीके में बांटा जा सकता है

  1. ऑफ-ग्रिड
  2. ऑन-ग्रिड
  3. हाइब्रिड
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ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम

में उपभोक्ता को जितनी भी बिजली की जरुरत होती है वो सारी बिजली सोलर से बनाता है| पैनल से उत्पादित बिजली पहले सोलर बैटरी में स्टोर होता और ज़रुरत पड़ने पर उसको इस्तेमाल किया जाता है| इसकी ख़ास बात यह है कि इसके लिए किसी तरह के पावर सप्लाई की आवश्यकता बिलकुल भी नहीं पड़ती है|

ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम

में उपभोक्ता अपनी आवश्यकता अनुसार सोलर पैनल लगाता है| उपभोक्ता बिजली को स्टोर नहीं करता, इसलिए वह सोलर बैटरी का इस्तेमाल भी नहीं करता| उत्पादित बिजली का सीधा उपयोग हो जाता है और एक्स्ट्रा बची बिजली लोकल ग्रिड में चली जाती है| बैटरी के उपयोग न होने की वजह से लागत कम आती है|

On Grid Solar System

हाइब्रिड सोलर सिस्टम

में ऑफ-ग्रिड और ऑन-ग्रिड दोनों का मिश्रण रहता है| इसमें बैटरी और ग्रिड दोनों से कनेक्शन उपलब्ध रहते हैं|

अब तक लोगों को कहते सुना है कि सोलर ही भविष्य है| पर हमारा मानना है की अब हम उस जगह आ चुके हैं जहाँ सोलर भविष्य नहीं वर्तमान है| क्यूंकि भविष्य तभी हो सकता है जब वर्तमान को बचाया जा सके और इसके लिए अधिक से अधिक लोगों को सोलर को अपनाना पड़ेगा| ये थी सौर ऊर्जा (Solar Energy) के बारे में सभी प्राथमिक एवं आवश्यक जानकारी| आगे के ब्लॉग में हम सोलर की अन्य बारीकियों के बारे में जानेगे और साथ ही इसके रख-रखाव के बारे में भी जानेंगे|

यदि आपको यह जानकारी पसंद आयी हो या फिर किसी भी प्रकार का सुझाव देना चाहते हों तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करे एवं जुड़ें रहे Ornate Solar से|

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About The Author

Kamini Gupta is the Content Developer at Ornate Solar. She is a solar enthusiast and has worked with several well-known solar brands and experts in India. She is also a poet and a storyteller and has performed in many open mics events.

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