बजट 2021 के साथ ऊर्जा बनेगी प्रदूषणमुक्त: “राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन”
प्राकृतिक संसाधनों के निरंतर बढ़ते उपयोग के कारण ये दिन वा दिन कम होते जा रहे हैं| यदि इसी प्रकार चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब ये ख़त्म हो जाएंगे। ऐसी स्थिति में, अक्षय ऊर्जा एक अच्छे विकल्प के रूप में समय की आवश्यकता है। प्रत्येक गुजरते दिन के साथ हाइड्रोजन ऊर्जा का महत्व बढ़ रहा है।
वर्तमान में जितना अधिक clean and renewable energy को अपनाया जायेगा, भारत को विकासशील और स्थिरता (sustain) के अधिक करीब ले जाने में मददगार साबित होगा। बजट वर्ष 2021 में इस पर ध्यान केंद्रित किया गया है| बजट प्रस्तुति के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नवीकरणीय ऊर्जा पहलों (renewable energy initiatives) की घोषणा की।
साथ ही उन्होंने इस मुहीम पर जोर देते हुए यह भी कहा कि 2021-22 में ग्रीन पावर स्रोतों से हाइड्रोजन पैदा करने के लिए राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन की स्थापना की गई है| इस मिशन को पहलीबार चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने Third Re-inVest Conference नवंबर 2020 के दौरान की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी चर्चा करते हुए कहा था ,
“गैर-पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र को और बढ़ावा देने के लिए, मैं भारत के सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन को 1,000 करोड़ रुपये और भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी को 1,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी देने का प्रस्ताव करता हूं।”
इस योजना को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना को दो भागों में बांटा, पहले भाग में उन्होंने यह बताया कि किस प्रकार “राष्ट्रीय हाइड्रोजन एनर्जी मिशन” उज्जवल भविष्य के लिए बड़े उद्देश्यों को लेकर आयेगा एवं उनको सफल बनायेगा| दूसरे भाग में उन्होंने सोलर सेल एवं सोलर पैनल के मैन्युफैक्चरिंग एवं संग्रहण प्लान के बारे में बताया|
हाइड्रोजन एनर्जी मिशन में हाइड्रोजन के द्वारा क्लीन एवं ग्रीन पावर को बनाया जायेगा, जो पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त होगी| एवं इसके लिए ही ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट बनाये जायेंगे| जो ग्रीन एनर्जी संसाधन पर संचालित होंगे| इस हाइड्रोजन एनर्जी का उपयोग सिर्फ इंडस्ट्रियल तौर पर ही नहीं बल्कि प्रत्येक स्थान, जहाँ पर भी ऊर्जा का उपयोग होता है, किया जायेगा|
इस योजना को सफल बनाने के लिए बहुत सी बड़ी कम्पनीज जैसे रिलायंस,टाटा,महिंद्रा, इंडियन आयल एवं स्टेकहोल्डर हाइड्रोजन कॉउन्सिल, यूरोपियन हाइड्रोजन कोएलिशन आदि ने भी योगदान प्रदान किया है|
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “domestic मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ाने के लिए, हम सोलर पैनल एवं सोलर सेल के चरणबद्ध (phased) मैन्युफैक्चरिंग प्लान को लेकर आये हैं| वर्तमान में डोमेस्टिक प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए ही सोलर इन्वर्टर पर इम्पोर्ट ड्यूटी को 5% से 20% किया है|”
राष्ट्रीय हाइड्रोजन ऊर्जा मिशन के लाभ:
नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी योजना का उद्देस्य पेट्रोल की खपत, ग्रीनहाउस एमिशन एवं वायु प्रदुषण को कम करना एवं अधिक कुशल एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर योगदान देना है| यदि आर्थिक तौर पर देखें तो यह काफी सस्ती ऊर्जा साबित होगी|
यह योजना डिस्कॉम कम्पनयों के लिए भी लाभकारी है| एवं आय के आयमों में वृद्धि करेगा जैसे कि ऊर्जा के अनुकूल संसाधनों (गाड़ी, विधुत उपकरण) को बनाना पड़ेगा, जिससे नौकरियों की संख्या बढ़ेगी इत्यादि|
ये थी नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन के बारे में जानकारी| यदि आपको ये जानकारी पसंद आयी हो या आप किसी भी तरह का सुझाव देना चाहते हों, तो कमेंट बॉक्स में कमेंट के जरिये बता सकते हैं| महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें Ornate solar से|
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