Solar Inverter Analysis & Features
पिछले ब्लॉग में हमने सोलर पैनल से सम्बंधित सभी जानकारी के बारे में जाना| ब्लॉग इस भाग में हम सोलर सिस्टम दूसरे कम्पोनेंट (Solar Components) सोलर इन्वर्टर के बारे में बारीकी से जानेगे|
चलिए अब विस्तार से जानते है कि सोलर इन्वर्टर है क्या? और उससे होने वाले लाभ एवं हानियों के बारे में|
सोलर इन्वर्टर
पैनल्स बिजली को DC फॉर्म में बनाते हैं| लेकिन हमारे घरों एवं दफ्तरों के उपकरणों AC फॉर्म बिजली पर कार्य करते हैं| इसी DC फॉर्म करंट को AC फॉर्म करंट में बदलने का कार्य इन्वर्टर करता है| इसके बाद ही बिजली को उपयोग में लाया जा सकता है|
सोलर इन्वर्टर दो प्रकार के होते हैं:
ऑफ-ग्रिड इन्वर्टर
को स्टैंड-अलोन इन्वर्टर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वे एक पैनल के साथ जुड़ने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र होते हैं। इस प्रकार के इन्वर्टर का उपयोग आमतौर पर ऐसे क्षेत्रों में किया जाता है, जहां लोग लोकल ग्रिड से पूरी तरह मुक्त रहना चाहते हैं।ये इन्वर्टर रिमोट & ग्रामीण इलाकों, जहाँ लोकल ग्रिड की पहुंच आसान नहीं है, में अधिक उपयोगी सिद्ध होते हैं|ये इन्वर्टर स्व-निर्भर होने के कारण प्रत्येक प्रकार से अवरोध-मुक्त होते हैं| एवं बैटरी स्टोरेज के कारण अधिक विस्वस्नीय भी होते हैं|
ऑन-ग्रिड इन्वर्टर
बिलकुल ऑफ-ग्रिड इन्वर्टर की तरह ही होते हैं बस इसमें सोलर बैटरी स्टोरेज का विकल्प नहीं होता है| इनको लोकल ग्रिड से जोड़ा जाता है| पैनल से बनने वाली बिजली को इन्वर्टर AC फॉर्म में बदलकर लोकल ग्रिड में भेजता है और फिर लोकल ग्रिड उपभोक्ता को बिजली उपलब्ध करता है|
अब जैसा कि हमने इस ब्लॉग में सोलर पैनल्स के बारे में जानकारी ली| अपने अगले ब्लॉग में जानेगें सोलर एनर्जी सिस्टम के तीसरे आवश्यक कॉम्पोनेन्ट चार्ज कंट्रोलर के बारे में साथ ही बाजार में उपलब्ध प्रकारों के बारे में भी जानेगे|
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Ornate Solar, Canadian Solar panels, Renewsys Made in India Panels, Enphase Micro-Inverters, SolarEdge Solar inverters with Optimisers, Fronius OnGrid Solar Inverters. के आधिकारिक भागीदार हैं।
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