सबसे बड़ी सौर योजना: एक सूर्य. एक विश्व. एक ग्रिड
अगस्त 2018 को माननीय प्रधानमंत्री के द्वारा वर्ल्ड Mega Solar प्लान “One Sun, One World, One Grid” को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में पहली बार घोषणा की गयी| यह मानवीय इतिहास का पहला ऐसा सोलर पावर प्लांट होगा, जिसमे सिर्फ एक ग्रिड के द्वारा कई देशों को जोड़ा जायेगा एवं उनको सोलर एनर्जी उपलब्ध कराई जाएगी| यह भारत का ही नहीं बल्कि वर्ल्ड का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट होगा| “One Sun, One World, One Grid” (The Mega Solar Plan) को ” सूर्य कभी अस्त नहीं होता है” से प्रभावित होकर बनाया गया है|
स्पेक्ट्रम विभाजन
भारत की भौगिलिक स्थिति के आधार पर, इस सौर स्पेक्ट्रम को बड़ी ही आसानी से दो बड़े भागों में विभाजित किया जा सकता है| पहला भाग यानी, पूर्व (East) जिसमे म्यांमार, वेतनाम, थाईलैंड, Lao, कंबोडिया इत्यादि आएंगे, एवं दूसरा भाग पश्चिम (West) जो मध्य पूर्व (Middle East) और अफ्रीका क्षेत्र को कवर करेगा|
इस प्लान के माध्यम से 140 देशों को एक आम ग्रिड से जोड़ा जायेगा, जो सौर ऊर्जा को स्थानांतरित करने के लिए उपयोग किया जाएगा। इस प्लान के पीछे का मुख्य उद्देश्य सौर ऊर्जा का एक ट्रांस-नेशनल ग्रिड को बनाना है जिसको all over the globe पर फैलाया जा सके| इसके माध्यम से एक देश किसी अन्य जरूरत मंद देश को सौर ऊर्जा बेंच सकता है। इस योजना के तहत जो बिजली का स्थानांतरण होगा वो under the water, तार के द्वारा किया जायेगा|
कार्य प्रक्रिया (Work Process)
इस योजना को तीन चरण (phases) में पूरा किया जायेगा| प्रथम चरण सोलर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों (Renewable Energy Resources) को साझा करने के लिए पश्चिम एशिया, दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में ग्रिड के साथ भारतीय ग्रिड को जोड़ेगा| दूसरे चरण में African pool of renewable sources के साथ पहले चरण के देशों को जोड़ा जायेगा| एवं तीसरा चरण ग्लोबल इंटर कनेक्शन का अंतिम चरण होगा| इस परियोजना के लिए 2020 से ही biding की शुरुआत हो चुकी है एवं सम्बंधित कर्मचारियों को hire करने की कार्यप्रणाली भी शुरू कर दी गयी है|
परियोजना के लाभ (Project Benifits)
इस परियोजना (The Mega Solar) से प्रत्येक देश को काफी लाभ मिलेगा| परियोजना के शुरू होने से सौर के क्षेत्र को प्रत्येक दृष्टि से बढ़ावा मिलेगा एवं साथ ही युवा वर्ग के लिए नौकरियों से अवसर भी बढ़ेंगे| प्रत्येक देश के अन्य देशों के सम्बन्ध भी बढ़ेंगे| जिनसे व्यापार के साधनों में बढ़ोतरी होगी एवं देश आर्थिक रूप से अधिक सशक्त होंगे|
वर्तमान स्थिति को देखते हुए आज चीन, सबसे बड़ी आबादी वाला देश है जो 208 GW के साथ सौर ऊर्जा के उपयोग के मामले में एक अग्रणी देशों में भी आता है। दुनिया के सौर ऊर्जा उपयोग का 32.6% चीन द्वारा किया जाता है| 75.9 GW के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका है, इसके बाद घनी आबादी वाले देश जापान में 63 GW, जर्मनी में 49.2 GW और भारत जो सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सबसे तेजी से विकसित होने वाला देश है, 35.12 GW सौर ऊर्जा के उपयोग के साथ पांचवें स्थान पर है| लेकिन भारत सबसे कम पूंजी में सौर स्थापना वाले देश की सूची में शामिल है। “OSOWOG” परियोजना सौर ऊर्जा के मद्देनजर भारत को एक अग्रणी देश बना सकता है।
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